कक्षा – 10th, अध्याय 1: रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
कक्षा: 10th
विषय: विज्ञान (Science)
अध्याय: 1
अध्याय का नाम: रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
रासायनिक अभिक्रिया: जब दो या दो से अधिक पदार्थ आपस में मिलकर नए पदार्थ बनाते हैं, तो इस प्रक्रिया को रासायनिक अभिक्रिया कहते हैं। इस दौरान पदार्थों के गुणों में स्थायी परिवर्तन होता है। इसमें अभिकारक और उत्पाद दोनों के भौतिक और रासायनिक गुण अलग-अलग होते हैं।
उदाहरण:
- भोजन का पाचन: भोजन के अणु छोटे-छोटे अणुओं में टूट जाते हैं।
- लोहे पर जंग लगना: लोहा ऑक्सीजन के साथ मिलकर आयरन ऑक्साइड बनाता है।
- दही का बनना: दूध में मौजूद शर्करा लैक्टोज बैक्टीरिया की मदद से लैक्टिक एसिड में बदल जाती है।
रासायनिक अभिक्रिया की पहचान:
- पदार्थ की स्थिति में परिवर्तन: जैसे, ठोस से द्रव या गैस में बदलना।
- रंग में परिवर्तन: जैसे, लोहे पर जंग लगने पर रंग भूरा हो जाता है।
- गर्मी का विकास या अवशोषण: कई रासायनिक अभिक्रियाओं में गर्मी निकलती है (ऊष्माक्षेपी) या ली जाती है (ऊष्माशोषी)।
- गैस का विकास: जैसे, सोडा खोलने पर कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकलती है।
- प्रकाश का विकास: जैसे, मैग्नीशियम रिबन जलने पर चमकदार प्रकाश निकलता है।
अभिकारक और उत्पाद:
- अभिकारक: वे पदार्थ जो किसी रासायनिक अभिक्रिया में प्रारंभ में उपस्थित होते हैं, उन्हें अभिकारक कहते हैं। रासायनिक समीकरण में बाएँ ओर लिखे गए पदार्थ अभिकारक होते हैं।
- उत्पाद: रासायनिक अभिक्रिया के अंत में बने नए पदार्थ उत्पाद कहलाते हैं।
उदाहरण:
- लोहे पर जंग लगना:
- अभिकारक: लोहा और ऑक्सीजन
- उत्पाद: आयरन ऑक्साइड
रासायनिक अभिक्रिया का समीकरण: रासायनिक अभिक्रिया को प्रदर्शित करने के लिए एक समीकरण का प्रयोग किया जाता है, जिसमें अभिकारक बाईं ओर और उत्पाद दाईं ओर लिखे जाते हैं।
उदाहरण:
- हाइड्रोजन और ऑक्सीजन मिलकर जल बनाते हैं: 2H₂ + O₂ → 2H₂O
संतुलित समीकरण: जब कोई रासायनिक अभिक्रिया होती है, तो पदार्थों के परमाणु पुनर्व्यवस्थित होकर नए पदार्थ बनाते हैं। इस प्रक्रिया को रासायनिक समीकरण से दर्शाया जाता है। एक संतुलित रासायनिक समीकरण वह होता है जिसमें अभिकारकों (प्रारंभिक पदार्थ) और उत्पादों (बने हुए नए पदार्थ) में प्रत्येक प्रकार के परमाणुओं की संख्या बराबर होती है।
संतुलित समीकरण का उदाहरण:
हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के संयोग से जल बनने की अभिक्रिया का संतुलित समीकरण है:
2H₂ + O₂ → 2H₂O
इस समीकरण में:
- H₂ – हाइड्रोजन अणु
- O₂ – ऑक्सीजन अणु
- H₂O – जल अणु
अभिकारकों में 4 हाइड्रोजन परमाणु और 2 ऑक्सीजन परमाणु हैं, और उत्पाद में भी 4 हाइड्रोजन परमाणु और 2 ऑक्सीजन परमाणु हैं। इसलिए यह समीकरण संतुलित है।
गैसों की पहचान:
- H2 गैस: जलने पर “पॉप” ध्वनि।
- CO2 गैस: चूने के पानी को दूधिया बनाती है।
- O2 गैस: दहकती तीली को पुनः प्रज्वलित करती है।
रासायनिक समीकरणों को संतुलित करने की विधि (हिट एंड ट्रायल विधि):
- समीकरण लिखना: सबसे पहले, रासायनिक समीकरण को लिखें।
- तत्वों की पहचान: समीकरण में उपस्थित सभी तत्वों की पहचान करें।
- परमाणुओं की संख्या गिनना: प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या को अभिकारकों और उत्पादों दोनों ओर गिनें।
- गुणांक लगाना: गुणांक लगाकर परमाणुओं की संख्या को बराबर करें। ध्यान रहे कि गुणांक केवल पूरे सूत्र के सामने लगाया जाता है, अलग-अलग परमाणुओं के सामने नहीं।
- सभी तत्वों के लिए दोहराएं: सभी तत्वों के लिए यह प्रक्रिया दोहराएं जब तक कि दोनों ओर सभी तत्वों के परमाणुओं की संख्या बराबर न हो जाए।
उदाहरण:
Fe + H₂O → Fe₃O₄ + H₂
- तत्वों की पहचान: Fe, H, O
- परमाणुओं की संख्या गिनना:
- Fe: 1 (अभिकारक), 3 (उत्पाद)
- H: 2 (अभिकारक), 2 (उत्पाद)
- O: 1 (अभिकारक), 4 (उत्पाद)
- गुणांक लगाना:
- Fe को संतुलित करने के लिए Fe के सामने 3 लगाएं: 3Fe
- O को संतुलित करने के लिए H₂O के सामने 4 लगाएं: 4H₂O
- अब H भी स्वतः ही संतुलित हो गया है: 4H₂
- संतुलित समीकरण: 3Fe(s) + 4H₂O₂(g) → Fe₃O₄(s) + 4H₂₂(g)
संतुलित रासायनिक समीकरण अन्य तथ्य:
- द्रव्यमान संरक्षण का नियम: किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो निर्माण होता है न ही विनाश । यह नियम सुनिश्चित करता है कि रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान संरक्षित रहता है।
- अभिकारकों और उत्पादों की मात्रा का अनुपात: संतुलित समीकरण हमें अभिकारकों और उत्पादों के बीच सटीक मात्रात्मक संबंध बताता है।
- रासायनिक अभिक्रियाओं की समझ: संतुलित समीकरण हमें रासायनिक अभिक्रियाओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है।
- ले-शातेलियर का सिद्धांत (Le Chatelier’s Principle): यह सिद्धांत बताता है कि यदि किसी संतुलित अभिक्रिया में बदलाव किया जाए, तो अभिक्रिया उस बदलाव का विरोध करती है।
आवोगाद्रो का नियम: समान तापमान और दाब पर समान आयतन में सभी गैसों में अणुओं की संख्या समान होती है।
रासायनिक अभिक्रियाओं के प्रकार :-
- संयोजन अभिक्रिया (Combination Reaction)
- परिभाषा: दो या दो से अधिक पदार्थ (तत्व या यौगिक) मिलकर एक नया पदार्थ बनाते हैं।
- उदाहरण:
- कोयले का दहन: C(s) + O₂(g) → CO₂(g)
- जल का निर्माण: 2H₂ + O₂ → 2H₂O
- विशेष तथ्य:
- ये अभिक्रियाएँ आमतौर पर ऊष्माक्षेपी होती हैं, यानी ऊष्मा उत्पन्न होती है।
- संश्लेषण अभिक्रिया भी कहा जाता है।
- ऊष्माक्षेपी रासायनिक अभिक्रिया :- जिन अभिक्रियाओं में उत्पाद के निर्माण के साथ – साथ ऊष्मा का भी उत्सर्जन होती है उसे ऊष्माक्षेपी रासायनिक अभिक्रिया कहते हैं ।
- उदहारण :-
- प्राकृतिक गैस का दहन :- CH₄( g ) +O₂( g ) → CO₂( g ) + 2H₂O( g ) + ऊष्मा
- श्वसन एक उष्माक्षेपी अभिक्रिया है :- C₆H₁₂O₆( aq ) + 6O₂( g ) → 6CO₂( aq ) + 6H₂O + ऊष्मा
- शाक-सब्जियों (वनस्पति द्रव्य) का विघटित होकर कंपोस्ट बनना भी ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया का ही उदाहरण है।
- वियोजन/अपघटन अभिक्रिया (Decomposition Reaction)
- परिभाषा: एक पदार्थ टूटकर दो या दो से अधिक पदार्थ बनाता है।
- उदाहरण:
- कैल्शियम कार्बोनेट का कैल्शियम ऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड में टूटना: CaCO₃ → CaO + CO₂
- प्रकार:
- ऊष्मीय वियोजन: ऊष्मा द्वारा
- वैद्युत वियोजन: विद्युत धारा द्वारा
- प्रकाश रासायनिक वियोजन: प्रकाश द्वारा
- विशेष तथ्य:
- ये अभिक्रियाएँ आमतौर पर उष्माशोषी होती हैं, यानी ऊष्मा अवशोषित होती है।
- विघटन अभिक्रिया भी कहा जाता है।
- उष्माशोषी अभिक्रिया :- जिन अभिक्रियाओं में अभिकारकों को तोड़ने के लिए ऊष्मा, प्रकाश या विद्युत ऊर्जा की आवश्यकता होती है उसे उष्माशोषी अभिक्रिया कहते हैं ।
- विस्थापन अभिक्रिया (Displacement Reaction)
- परिभाषा: एक अधिक क्रियाशील तत्व कम क्रियाशील तत्व को उसके यौगिक से विस्थापित कर देता है।
- उदाहरण:
- लोहे की कील पर तांबे की परत जमना: Fe(s) + CuSO₄(aq) → FeSO₄(aq) + Cu(s)
- क्रियाशीलता श्रेणी: धातुओं की क्रियाशीलता श्रेणी का उपयोग करके यह निर्धारित किया जा सकता है कि कौन सा तत्व किसको विस्थापित करेगा।
- द्विविस्थापन अभिक्रिया (Double Displacement Reaction)
- परिभाषा: दो यौगिकों के आयनों का आदान-प्रदान होता है।
- उदाहरण:
- सोडियम सल्फेट और बेरियम क्लोराइड की अभिक्रिया:
Na₂SO₄ (aq) + BaCl₂ (aq) → BaSO₄ (s) + 2NaCl(aq)
- बेरियम सल्फेट (Baso₄) के सफेद अविलेय अवक्षेप का निर्माण होता है ।
- अवक्षेपण अभिक्रिया: जब एक अविलेय पदार्थ बनता है, तो इसे अवक्षेपण अभिक्रिया कहते हैं।
- उपचयन-अपचयन अभिक्रिया (Redox Reaction)
- उपचयन: किसी पदार्थ में ऑक्सीजन का जुड़ना या हाइड्रोजन का हटना अथवा दोनों हो।
- अपचयन: किसी पदार्थ में ऑक्सीजन का हटना या हाइड्रोजन का जुड़ना अथवा दोनों हो।
- रेडॉक्स अभिक्रिया: एक ही अभिक्रिया में उपचयन और अपचयन दोनों होते हैं।
- उदाहरण:
- मैग्नीशियम का ऑक्सीजन के साथ संयोग: 2Mg + O₂ → 2MgO
संक्षारण (Corrosion): जब कोई धातु ऑक्सीजन, आर्द्रता, या अम्लीय वातावरण के संपर्क में आती है, तो उसके ऊपर एक कमजोर पर्त बनने लगती है, जिससे धातु का नाश होने लगता है। इसे संक्षारण कहा जाता है।
संक्षारण के कारण:
- ऑक्सीजन का संपर्क: ऑक्सीजन और पानी (आर्द्रता) के संपर्क में आने से धातु ऑक्साइड बनने लगते हैं।
- अम्लीय वर्षा: अम्लीय वर्षा का पानी धातुओं के साथ अभिक्रिया कर संक्षारण को बढ़ाता है।
- विद्युत अपघटन: धातुओं की सतह पर उपस्थित इलेक्ट्रोलाइट्स (जैसे, नमक) के कारण संक्षारण की प्रक्रिया तेज हो जाती है।
उदाहरण:
- लोहे पर जंग लगना: जब लोहे का संपर्क ऑक्सीजन और पानी से होता है, तो उस पर भूरे-लाल रंग का जंग (Iron Oxide) बनता है।
- चाँदी पर काली पर्त बनना: चाँदी की सतह पर वायु में उपस्थित सल्फर से प्रतिक्रिया के कारण काले रंग का सिल्वर सल्फाइड बनता है।
- ताँबे पर हरी पर्त बनना: ताँबे पर कार्बन डाइऑक्साइड और आर्द्रता के संपर्क में आने से हरे रंग की ताँबे की कार्बोनेट पर्त बनती है।
संक्षारण के नुकसान:
- धातुओं की मजबूती कम हो जाती है।
- धातुओं का सौंदर्य कम हो जाता है।
- आर्थिक नुकसान होता है।
संक्षारण से बचाव के उपाय:
- यशदलेपन (Galvanization): लोहे की वस्तुओं पर जस्ता की पर्त चढ़ाई जाती है, जो लोहे को ऑक्सीजन और आर्द्रता से बचाती है।
- विद्युत लेपन (Electroplating): धातु की सतह पर एक और धातु की पर्त चढ़ाई जाती है, जिससे धातु को संरक्षण मिलता है।
- रंग या पेन्ट (Painting): धातुओं की सतह पर पेन्ट या रंग की पर्त चढ़ाकर उसे संक्षारण से बचाया जा सकता है।
- तेल और ग्रीस का लेप (Oiling and Greasing): मशीनरी और औजारों पर तेल लगाने से उन्हें जंग से बचाया जा सकता है।
विकृतगंधिता (Rancidity): जब वसायुक्त और तैलीय खाद्य पदार्थ वायु (ऑक्सीजन) के संपर्क में आते हैं, तो वे ऑक्सीकरण के कारण खराब हो जाते हैं। इससे उनके स्वाद और गंध में बदलाव आ जाता है। इस प्रक्रिया को विकृतगंधिता कहा जाता है।
विकृतगंधिता के कारण:
- ऑक्सीजन का प्रभाव: ऑक्सीजन के कारण तेल और वसा ऑक्सीकृत हो जाते हैं, जिससे उनका स्वाद खराब हो जाता है।
- प्रकाश और तापमान: तेज प्रकाश और उच्च तापमान विकृतगंधिता को बढ़ाते हैं।
- लंबे समय तक भंडारण: तैलीय खाद्य पदार्थ अधिक समय तक खुले में रखने पर खराब हो सकते हैं।
विकृतगंधिता रोकने के उपाय:
- प्रति ऑक्सीकारक (Antioxidants) का उपयोग: खाद्य पदार्थों में BHA (ब्यूटिलेटेड हाइड्रॉक्सी एनीसोल) और BHT (ब्यूटिलेटेड हाइड्रॉक्सी टोल्यून) जैसे प्रति ऑक्सीकारक मिलाए जाते हैं।
- वायुरोधी बर्तन (Airtight Containers): वायुरोधी बर्तन में खाद्य सामग्री रखने से ऑक्सीजन का संपर्क कम हो जाता है।
- नाइट्रोजन गैस का उपयोग: आलू के चिप्स और नमकीन में ऑक्सीजन की जगह नाइट्रोजन गैस भरी जाती है, जिससे विकृतगंधिता नहीं होती।
- शीतलन (Refrigeration): खाद्य सामग्री को ठंडे स्थान पर रखने से विकृतगंधिता की प्रक्रिया धीमी हो जाती है।
Extra Points:-
उत्क्रमणीय अभिक्रिया (Reversible Reactions)
- परिभाषा: वे अभिक्रियाएँ जिन्हें सीमित दशाओं में दोनों दिशाओं में संचालित किया जा सकता है, उन्हें उत्क्रमणीय अभिक्रियाएँ कहते हैं।
उदाहरण: N2+3H2↔2NH3 - ये संतुलन स्थिति (Equilibrium State) तक पहुँच सकती हैं, जहाँ अभिक्रिया की गति आगे और पीछे समान हो जाती है।
- लक्षण:
- दोनों दिशाओं में होने वाली प्रक्रिया।
- खुले बर्तन में सामान्यतः पूर्ण नहीं होती।
- संतुलन पर गुणात्मक और मात्रात्मक विश्लेषण संभव।
- महत्वपूर्ण उदाहरण:
- अमोनिया का निर्माण (हैबर प्रक्रिया)
- ज्वलनशील गैसों की प्रतिक्रिया।
अनुत्क्रमणीय अभिक्रिया (Irreversible Reactions)
- परिभाषा: वे अभिक्रियाएँ जो केवल एक ही दिशा में पूरी तरह संचालित होती हैं, उन्हें अनुत्क्रमणीय अभिक्रियाएँ कहते हैं।
उदाहरण: Zn+H2SO4→ZnSO4+H2 - प्रतिक्रिया पूर्ण हो जाती है और उत्पाद फिर से अभिकारक में परिवर्तित नहीं होते।
- लक्षण:
- केवल एक दिशा में होती है।
- उष्मा या ऊर्जा का मुक्त होना सामान्य।
- प्रतिक्रिया के बाद उत्पाद स्थिर रहते हैं।
- महत्वपूर्ण उदाहरण:
- अम्ल और धातु की प्रतिक्रिया।
- नमक और पानी के निर्माण की प्रतिक्रिया।
अन्य तथ्य:
- अभिक्रिया की दर: किसी रासायनिक अभिक्रिया कितनी तेजी से होती है, इसे अभिक्रिया की दर कहते हैं।
- ऊष्माक्षेपी और ऊष्माशोषी अभिक्रियाएं: ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाओं में गर्मी निकलती है, जबकि ऊष्माशोषी अभिक्रियाओं में गर्मी ली जाती है।
- उत्प्रेरक: वे पदार्थ जो किसी रासायनिक अभिक्रिया की दर को बढ़ाते हैं, लेकिन स्वयं अभिक्रिया में भाग नहीं लेते, उन्हें उत्प्रेरक कहते हैं।
- रासायनिक अभिक्रियाओं में परमाणुओं की संख्या संरक्षित रहती है।
- स्टोइकियोमेट्री: यह रसायन विज्ञान की वह शाखा है जो रासायनिक अभिक्रियाओं में पदार्थों के मात्रात्मक संबंधों का अध्ययन करती है।
अभ्यास प्रश्न
Q. वायु में जलाने से पहले मैग्नीशियम रिबन को साफ़ क्यों किया जाता है?
Answer:
- मैग्नीशियम हवा में ऑक्सीजन से क्रिया करके मैग्नीशियम ऑक्साइड बनाता है।
- यह परत मैग्नीशियम को जलने से रोकती है।
- इसलिए, जलने से पहले इसे साफ किया जाता है।
मैग्नीशियम रिबन को साफ़ करने पर –
- मैग्नीशियम का दहन बहुत तीव्र होता है और यह चमकदार सफेद प्रकाश देता है।
- मैग्नीशियम का उपयोग फोटोग्राफी, फायरवर्क और सिग्नलिंग में किया जाता है।
Q. किसी पदार्थ ‘X’ के विलयन का उपयोग सफेदी करने के लिए होता है|
(i) पदार्थ ‘X’ का नाम तथा इसका सूत्र लिखिए|
(ii) ऊपर (i) में लिखे पदार्थ ‘X’ की जल के साथ अभिक्रिया लिखिए|
Answer:
(i) पदार्थ ‘X’ का नाम कैल्शियम ऑक्साइड है और इसका सूत्र CaO है|
(ii) कैल्शियम ऑक्साइड जल के साथ तीव्रता से अभिक्रिया करके बुझे हुए चूने (कैल्शियम हाइड्रोक्साइड) का निर्माण करता है|
CaO (s) + H2O (l) → Ca(OH)2 (aq)
Q. जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोया जाता है तो विलयन का रंग क्यों बदल जाता है?
Answer:
Fe(s)+CuSO₄(aq) → FeSO₄(aq)+Cu(s)
- लोहा कॉपर सल्फेट के विलयन से कॉपर को विस्थापित कर देता है।
- इस प्रक्रिया में, लोहे की कील पर कॉपर जम जाता है और विलयन में आयरन सल्फेट बन जाता है।
- आयरन सल्फेट का रंग हरा होता है, जिसके कारण विलयन का रंग नीले से हरे में बदल जाता है।
Q. नीचे दी गई अभिक्रिया के सम्बन्ध में कौन-सा कथन असत्य है?
2PbO (s) + C (s) → 2Pb (s) + CO2 (g)
(a) सीसा अपचयित हो रहा है|
(b) कार्बन डाइऑक्साइड उपचयित हो रहा है|
(c) कार्बन उपचयित हो रहा है|
(d) लेड ऑक्साइड अपचयित हो रहा है|
(i) (a) एवं (b)
(ii) (a) एवं (c)
(iii) (a), (b) एवं (c)
(iv) सभी
Answer: (i) (a) एवं (b)
Explanation:
(a) क्योंकि ऑक्सीजन को हटाया जा रहा है, और
(b) क्योंकि सीसे से निकाली गई ऑक्सीजन को मौलिक कार्बन में जोड़ा जाता है।
Q. Fe2O3 + 2Al → Al2O3 + 2Fe
ऊपर दी गई अभिक्रिया किस प्रकार की है?
(a) संयोजन अभिक्रिया
(b) द्विविस्थापन अभिक्रिया
(c) वियोजन अभिक्रिया
(d) विस्थापन अभिक्रिया
Answer: (d) विस्थापन अभिक्रिया
Explanation: क्योंकि इसमें एक धातु (Al) दूसरी धातु (Fe) को प्रतिस्थापित कर रही है। यह एक प्रकार की प्रतिक्रिया है जिसमें एक तत्व दूसरे तत्व के स्थान पर आता है।
Q. निम्न कथनों को रासायनिक समीकरण के रूप में परिवर्तित कर उन्हें संतुलित कीजिए।
(a) नाइट्रोजन हाइड्रोजन गैस से संयोग करके अमोनिया बनाता है।
Answer: 3H2 (g) + N2 (g) → 2NH3 (g)
(b) हाइड्रोजन सल्फाइड गैस का वायु में दहन होने पर जल एवं सल्फर डाइऑक्साइड बनता है।
Answer: 2H2S (g) + 3O2 (g) → 2H2O (l) + 2SO2 (g)
(c) एलुमिनियम सल्फेट के साथ अभिक्रिया कर बेरियम क्लोराइड, एलुमिनियम क्लोराइड एवं बेरियम सल्फेट का अवक्षेप देता है।
Answer: 3BaCl2 (aq) + Al2(SO4)3 (aq) → 2AlCl3 (aq) + 3BaSO4 (s)
(d) पोटैशियम धातु जल के साथ अभिक्रिया करके पोटैशियम हाइड्रोक्साइड एवं हाइड्रोजन गैस देती है।
Answer: 2K (s) + 2H2O (l) → 2KOH (aq) + H2 (g)
Q. निम्न रासायनिक समीकरणों को संतुलित कीजिए:
(i) HNO3 + Ca(OH)2 → Ca(NO3)2 + H2O
संतुलित समीकरण:- 2HNO3 + Ca(OH)2 → Ca(NO3)2 + 2H2O
(ii) NaOH + H2SO4 → Na2SO4 + H2O
संतुलित समीकरण:- 2NaOH + H2SO4 → Na2SO4 + 2H2O
(iii) NaCl + AgNO3 → AgCl + NaNO3
संतुलित समीकरण:- NaCl + AgNO3 → AgCl + NaNO3
(iv) BaCl2 + H2SO4 → BaSO4 + HCl
संतुलित समीकरण:- BaCl2 + H2SO4 → BaSO4 + 2HCl
Q. निम्न अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए:
(a) कैल्शियम हाइड्रोक्साइड + कार्बन डाइऑक्साइड → कैल्शियम कार्बोनेट + जल
संतुलित समीकरण:- Ca(OH)2 + CO2 → CaCO3 + H2O
(b) जिंक + सिल्वर नाइट्रेट → जिंक नाइट्रेट + सिल्वर
संतुलित समीकरण:- Zn + 2AgNO3 → Zn(NO3)2 + 2Ag
(c) एलुमिनियम + कॉपर क्लोराइड → एलुमिनियम क्लोराइड + कॉपर
संतुलित समीकरण:- 2Al + 3CuCl2 → 2AlCl3 + 3Cu
(d) बेरियम क्लोराइड + पोटैशियम सल्फेट → बेरियम सल्फेट + पोटैशियम क्लोराइड
संतुलित समीकरण:- BaCl2 + K2SO4 → BaSO4 + 2KCl
Q. निम्न अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए एवं अभिक्रिया का प्रकार बताइए।
(a) पोटैशियम ब्रोमाइड (aq) + बेरियम आयोडाइड (aq) → पोटैशियम आयोडाइड (aq) + बेरियम ब्रोमाइड(s)
Answer:- 2KBr (aq) + BaI2 (aq) → 2KI (aq) + BaBr2 (s) (द्विविस्थापन अभिक्रिया)
(b) जिंक कार्बोनेट (s) → जिंक ऑक्साइड (s) + कार्बन डाइऑक्साइड (g)
Answer:- ZnCO3 (s) → ZnO (s) + CO2 (g) (वियोजन अभिक्रिया)
(c) हाइड्रोजन (g) + क्लोरीन (g) → हाइड्रोजन क्लोराइड (g)
Answer:- H2 (g) + Cl2 (g) → 2HCl (g) (संयोजन अभिक्रिया)
(d) मैग्नीशियम (s) + हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (aq) → मैग्नीशियम क्लोराइड (aq) + हाइड्रोजन (g)
Answer:- Mg (s) + 2HCl (aq) → MgCl2 (aq) + H2 (g) (विस्थापन अभिक्रिया)
Q. लोहे की वस्तुओं को हम पेंट क्यों करते हैं?
Answer: लोहे को पेंट करने से जंग लगने से बचाया जा सकता है। पेंट की परत लोहे को नमी और हवा से बचाती है, जिससे जंग लगने की प्रक्रिया रुक जाती है।
Q. तेल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थों को नाइट्रोजन से प्रभावित क्यों किया जाता है?
Answer:
- तेल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थों को नाइट्रोजन से प्रभावित किया जाता है ताकि उनकी ताजगी और गुणवत्ता बनी रहे।
- नाइट्रोजन एक निष्क्रिय गैस है, जो ऑक्सीजन के मुकाबले रासायनिक क्रियाओं में कम सक्रिय होती है।
- ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में वसायुक्त खाद्य पदार्थों में ऑक्सीकरण की प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिससे उनके स्वाद और गंध में बदलाव नहीं होता।
- नाइट्रोजन से खाद्य पदार्थों की शेल्फ लाइफ बढ़ती है और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
- इस प्रक्रिया को “नाइट्रोजन फ्लशिंग” कहा जाता है, जो खाद्य पदार्थों को लंबे समय तक ताजे रखने के लिए उपयोग की जाती है।
- यह प्रक्रिया खाद्य पदार्थों में रासायनिक और जैविक परिवर्तनों को नियंत्रित करने में मदद करती है।
NCERT Exemplar Questions
Q. निम्नलिखित में से कौन-सा एक भौतिक परिवर्तन नहीं है?
विकल्प:
- जल के क्वथन पर जलवाष्प का बनना
- बर्फ के गलन पर जल का बनना
- जल में लवण का विलेय होना
- द्रवित पेट्रोलियम गैस का दहन
सही उत्तर: (4) द्रवित पेट्रोलियम गैस का दहन
व्याख्या:
- भौतिक परिवर्तन में पदार्थ का रूप या अवस्था बदलती है, लेकिन उसकी रासायनिक संरचना में परिवर्तन नहीं होता।
- दहन (Combustion) एक रासायनिक परिवर्तन है, जिसमें रासायनिक संरचना बदलती है और नई उत्पाद बनती हैं।
- अन्य सभी विकल्पों में केवल अवस्था परिवर्तन होता है, रासायनिक संरचना नहीं बदलती।
- भौतिक परिवर्तन पुनः परिवर्तनीय (Reversible) होते हैं।
- रासायनिक परिवर्तन अपरिवर्तनीय (Irreversible) होते हैं और इसमें ऊर्जा का अवशोषण या उत्सर्जन होता है।
Q. दी गई अभिक्रिया किस प्रकार की है?
4NH3(g)+5O2(g)→4NO(g)+6H2O(g)
- प्रतिस्थापन अभिक्रिया
- संयोजन अभिक्रिया
- उपचयन-अपचयन (रेडॉक्स) अभिक्रिया
- उदासीनीकरण अभिक्रिया
विकल्प:
- (i) तथा (iv)
- (ii) तथा (iii)
- (i) तथा (iii)
- (iii) तथा (iv)
सही उत्तर: (c) (i) तथा (iii)
व्याख्या:
प्रतिस्थापन अभिक्रिया (Displacement Reaction):
- इस अभिक्रिया में O₂ गैस ने NH₃ से हाइड्रोजन को हटाकर H₂O और NO का निर्माण किया है।
- हाइड्रोजन का विस्थापन होने के कारण यह प्रतिस्थापन अभिक्रिया का उदाहरण है।
उपचयन-अपचयन (Redox Reaction):
- रेडॉक्स अभिक्रिया में, ऑक्सीकरण (Oxidation) और अपचयन (Reduction) दोनों एक साथ होते हैं।
- इस अभिक्रिया में:
- NH₃ ऑक्सीकृत होकर NO बन रहा है। (यहाँ ऑक्सीजन जुड़ रही है, जिससे ऑक्सीकरण हो रहा है।)
- O₂ अपचयित होकर H₂O बन रहा है। (यहाँ ऑक्सीजन इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर रही है, जिससे अपचयन हो रहा है।)
Q. दी हुई अभिक्रिया के लिए निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य हैं?
3Fe(s) + 4H2O(g)→ Fe3O4 (s) + 4H2 (g)
- आयरन धातु ऑक्सीकृत हो रही है।
- जल अपचयित हो रहा है।
- जल अपचायक के रूप में कार्य कर रहा है।
- जल ऑक्सीकारक के रूप में कार्य कर रहा है।
विकल्प:
- (i), (ii) तथा (iii)
- (iii) तथा (iv)
- (i), (ii) तथा (iv)
- (ii) तथा (iv)
सही उत्तर: (c) (i), (ii) तथा (iv)
व्याख्या:
आयरन (Fe) का ऑक्सीकरण:
- FeFe ठोस अवस्था में है और अभिक्रिया के बाद यह Fe3O4Fe3O4 (फ़ेरिक ऑक्साइड) में बदल जाता है।
- ऑक्सीकरण (Oxidation) का अर्थ है किसी तत्व में ऑक्सीजन का जुड़ना। यहाँ, FeFe में ऑक्सीजन जुड़ रही है, इसलिए इसका ऑक्सीकरण हो रहा है।
- इसलिए कथन (i) सत्य है।
जल (H₂O) का अपचयन:
- जल (H2O) अभिक्रिया में H2 (हाइड्रोजन गैस) में परिवर्तित होता है।
- अपचयन (Reduction) का अर्थ है ऑक्सीजन का हटना। यहाँ, H2O से ऑक्सीजन हटकर H2 बनता है, इसलिए इसका अपचयन हो रहा है।
- इसलिए कथन (ii) सत्य है।
जल का ऑक्सीकारक एजेंट होना:
- एक ऑक्सीकारक एजेंट (Oxidizing Agent) वह होता है जो अन्य पदार्थ का ऑक्सीकरण करता है और स्वयं अपचयित होता है।
- यहाँ, H2O आयरन (Fe) का ऑक्सीकरण कर रहा है और स्वयं H2 में बदलकर अपचयित हो रहा है।
- इसलिए कथन (iv) सत्य है।
Q. निम्नलिखित में से कौन-से प्रक्रम ऊष्माक्षेपी हैं?
- बिना बुझे चूने के साथ जल की अभिक्रिया
- एक अम्ल का तनुकरण
- जल का वाष्पीकरण
- कपूर (क्रिस्टलों) का ऊर्ध्वपातन
विकल्प:
- (i) तथा (ii)
- (ii) तथा (iii)
- (i) तथा (iv)
- (iii) तथा (iv)
सही उत्तर: (a) (i) तथा (ii)
व्याख्या:
- ऊष्माक्षेपी प्रक्रम (Exothermic Process) वे प्रक्रम होते हैं जिनमें ऊष्मा उत्पन्न होती है।
- बिना बुझे चूने (CaO) और जल की अभिक्रिया में कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड और ऊष्मा उत्पन्न होती है।
- अम्ल का तनुकरण करते समय भी ऊष्मा निकलती है।
- जल का वाष्पीकरण और कपूर का ऊर्ध्वपातन ऊष्माशोषी प्रक्रम हैं क्योंकि इनमें ऊष्मा का अवशोषण होता है।
तथ्य:
- ऊष्माक्षेपी (Exothermic) अभिक्रियाएँ हमेशा तापमान में वृद्धि करती हैं।
- ऊष्माशोषी (Endothermic) अभिक्रियाएँ तापमान में कमी लाती हैं और ऊर्जा का अवशोषण करती हैं।
Q. जल के विद्युत अपघटन में मुक्त हुई हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन गैस का मोलर अनुपात क्या है?
विकल्प:
- 1 : 1
- 2 : 1
- 4 : 1
- 1 : 2
सही उत्तर: (b) 2 : 1
व्याख्या:
जल (H2O) का विद्युत अपघटन करने पर: 2H2O(l)→2H2(g)+O2(g)
- दो मोल हाइड्रोजन और एक मोल ऑक्सीजन गैस उत्पन्न होती है।
- इस प्रकार, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का मोलर अनुपात 2:1 है।
Q. 25 mL जलयुक्त A, B तथा C के रूप में चिह्नित तीन बीकर लिए गए। A, B तथा C बीकरों में कुछ मात्रा में क्रमशः NaOH, निर्जल CuSO₄, तथा NaCl मिलाया गया। यह प्रेक्षित किया गया कि बीकर A तथा B के विलयनों के ताप में वृद्धि हुई जबकि बीकर C के विलयन के ताप में कमी हुई। निम्नलिखित में से कौन-सा (कौन-से) कथन सत्य है (हैं)?
- बीकर A तथा B में ऊष्माक्षेपी प्रक्रम संपन्न हुआ।
- बीकर A तथा B में ऊष्माशोषी प्रक्रम संपन्न हुआ।
- बीकर C में ऊष्माक्षेपी प्रक्रम संपन्न हुआ।
- बीकर C में ऊष्माशोषी प्रक्रम संपन्न हुआ।
विकल्प:
a) केवल (i)
b) केवल (ii)
c) (i) तथा (iv)
d) (ii) तथा (iii)
सही उत्तर: c) (i) तथा (iv)
व्याख्या:
- ऊष्माक्षेपी प्रक्रम (Exothermic Process): वे प्रक्रम जिनमें ऊष्मा उत्पन्न होती है।
- NaOH और निर्जल CuSO₄ के जल के साथ अभिक्रिया करने पर ऊष्मा उत्पन्न होती है, जिससे ताप बढ़ता है।
- ऊष्माशोषी प्रक्रम (Endothermic Process): वे प्रक्रम जिनमें ऊष्मा का अवशोषण होता है।
- NaCl का जल में घुलना एक ऊष्माशोषी प्रक्रम है, जिससे ताप में कमी होती है।
Q. अम्लीय परमैंगनेट विलयन युक्त एक बीकर में फैरस सल्फेट का तनु विलयन धीरे-धीरे मिलाया गया। हल्के जामुनी रंग का विलयन क्षीण होता है तथा अंततः रंग विलुप्त हो जाता है। निम्नलिखित में से कौन-सी व्याख्या उपरोक्त प्रेक्षण के लिए सही है?
- KMnO₄ एक ऑक्सीकारक है, यह FeSO₄ को ऑक्सीकृत करता है।
- FeSO₄ एक ऑक्सीकारक है, यह KMnO₄ को ऑक्सीकृत करता है।
- तनुता के कारण रंग विलुप्त हो जाता है, कोई अभिक्रिया नहीं होती है।
- KMnO₄ एक अस्थायी यौगिक है तथा FeSO₄ की उपस्थिति में एक रंगहीन यौगिक में अपघटित हो जाता है।
सही उत्तर: a) KMnO₄ एक ऑक्सीकारक है, यह FeSO₄ को ऑक्सीकृत करता है।
व्याख्या:
- KMnO₄ एक ऑक्सीकारक (Oxidizing Agent) है और यह फैरस सल्फेट (FeSO₄) को ऑक्सीकृत करता है।
- अभिक्रिया के दौरान, फैरस आयन (Fe²⁺) फैरिक आयन (Fe³⁺) में परिवर्तित हो जाते हैं, और KMnO₄ का रंग हल्का होता जाता है।
Q. सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में सिल्वर क्लोराइड (AgCl) के उद्भासन पर वह स्लेटी क्यों हो जाता है?
- सिल्वर क्लोराइड के अपघटन पर सिल्वर बनने से।
- सिल्वर क्लोराइड के ऊर्ध्वपातन से।
- सिल्वर क्लोराइड के क्लोरीन गैस में विघटन से।
- सिल्वर क्लोराइड के ऑक्सीकरण से।
विकल्प:
a) केवल (i)
b) (i) तथा (iii)
c) (ii) तथा (iii)
d) केवल (iv)
सही उत्तर: a) केवल (i)
व्याख्या:
- सूर्य के प्रकाश में सिल्वर क्लोराइड (AgCl) अपघटित होकर सिल्वर (Ag) और क्लोरीन (Cl₂) में बदल जाता है।
- सिल्वर (Ag) के बनने से इसका रंग स्लेटी हो जाता है।
Q. ठोस कैल्सियम ऑक्साइड (CaO) जल के साथ तीव्रता से अभिक्रिया कर कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड [Ca(OH)₂] बनाता है तथा साथ में ऊष्मा उत्पन्न होती है। इस प्रक्रिया को चूने का बुझाना कहते हैं। निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य हैं?
- यह एक ऊष्माशोषी अभिक्रिया है।
- यह एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है।
- परिणामी विलयन की pH सात से अधिक होगी।
- परिणामी विलयन की pH सात से कम होगी।
विकल्प:
a) (i) तथा (ii)
b) (ii) तथा (iii)
c) (i) तथा (iv)
d) (iii) तथा (iv)
सही उत्तर: b) (ii) तथा (iii)
व्याख्या:
- यह एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया (Exothermic Reaction) है क्योंकि इसमें ऊष्मा उत्पन्न होती है।
- कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड का विलयन क्षारीय होता है, इसलिए pH सात से अधिक होती है।
Q. निम्नलिखित में से कौन-सा (कौन-से) ऊष्माशोषी प्रक्रम है (हैं)?
i. सल्फ्यूरिक अम्ल का तनुकरण
ii. शुष्क बर्फ का ऊर्ध्वपातन
iii. जलवाष्प का संघनन
iv. जल का वाष्पीकरण
विकल्प:
a) (i) तथा (iii)
b) केवल (ii)
c) केवल (iii)
d) (ii) तथा (iv)
सही उत्तर: d) (ii) तथा (iv)
व्याख्या:
- ऊष्माशोषी प्रक्रम (Endothermic Process): ऊष्माशोषी प्रक्रम वे होते हैं जिनमें ऊर्जा का अवशोषण होता है, यानी ये प्रक्रम ऊष्मा लेते हैं।
- शुष्क बर्फ (Dry Ice) का ऊर्ध्वपातन (Sublimation): शुष्क बर्फ (CO₂) ठोस अवस्था से सीधे गैस में बदलती है और इस प्रक्रम में ऊष्मा का अवशोषण होता है।
- जल का वाष्पीकरण (Evaporation of Water): जल के वाष्प में बदलने के लिए ऊष्मा का अवशोषण होता है।
- ऊष्माक्षेपी प्रक्रम (Exothermic Process): वे प्रक्रम जिनमें ऊष्मा निकलती है।
- सल्फ्यूरिक अम्ल का तनुकरण (Dilution of Sulfuric Acid): अम्ल को पानी में मिलाने से ऊष्मा उत्पन्न होती है।
- जलवाष्प का संघनन (Condensation of Water Vapour): जलवाष्प का संघनन करने से ऊष्मा निकलती है।
Q. जलीय पोटैशियम आयोडाइड तथा जलीय लेड नाइट्रेट के मध्य द्विविस्थापन अभिक्रिया में लेड आयोडाइड का पीला अवक्षेप बनता है। इस प्रक्रिया को करते समय यदि लेड नाइट्रेट उपलब्ध न हो तो निम्नलिखित में से किसे लेड नाइट्रेट के स्थान पर प्रयुक्त किया जा सकता है?
विकल्प:
a) लेड सल्फेट (अविलेय)
b) लेड ऐसीटेट
c) अमोनियम नाइट्रेट
d) पोटैशियम सल्फेट
सही उत्तर: (b) लेड ऐसीटेट
व्याख्या:
- लेड नाइट्रेट की जगह लेड ऐसीटेट का उपयोग किया जा सकता है क्योंकि यह जलीय विलयन में घुलनशील होता है और आयनिक रूप में Pb²⁺ आयन प्रदान करता है।
- लेड सल्फेट अविलेय है, इसलिए इसे प्रयोग नहीं किया जा सकता।
- अमोनियम नाइट्रेट और पोटैशियम सल्फेट में लेड आयन नहीं होते, इसलिए ये विकल्प सही नहीं हैं।
- जब लेड ऐसीटेट का उपयोग किया जाता है, तो Pb²⁺ आयन पोटैशियम आयोडाइड के साथ मिलकर पीला अवक्षेप (PbI₂) बनाता है।
Q. तेल के नमूने को लंबे समय तक ताजा बनाए रखने के लिए निम्नलिखित में से कौन-सी गैस प्रयुक्त की जाती है?
विकल्प:
a) कार्बन डाइऑक्साइड अथवा ऑक्सीजन
b) नाइट्रोजन अथवा ऑक्सीजन
c) कार्बन डाइऑक्साइड अथवा हीलियम
d) हीलियम अथवा नाइट्रोजन
सही उत्तर: (d) हीलियम अथवा नाइट्रोजन
व्याख्या:
- तेल के ऑक्सीकरण को रोकने के लिए नाइट्रोजन अथवा हीलियम गैस का उपयोग किया जाता है।
- नाइट्रोजन एक निष्क्रिय गैस है, जो ऑक्सीजन को तेल के संपर्क में आने से रोकती है।
- ऑक्सीजन तेल को ऑक्सीकृत कर खराब कर सकती है।
- हीलियम भी एक निष्क्रिय गैस है, जो तेल की ऑक्सीकरण प्रक्रिया को रोकती है।
Q. निम्नलिखित में से कौन-से प्रक्रम में रासायनिक अभिक्रियाएँ होती हैं?
विकल्प:
a) एक गैस सिलेंडर में निम्न दाब पर ऑक्सीजन गैस का भंडारण
b) वायु का द्रवीकरण
c) चीनी की प्याली में खुले में पेट्रोल रखना
d) उच्च ताप पर वायु की उपस्थिति में कॉपर की तारे को गरम करना
सही उत्तर: (d) उच्च ताप पर वायु की उपस्थिति में कॉपर की तारे को गरम करना
व्याख्या:
- कॉपर की तार को गर्म करने पर यह ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया करके कॉपर (II) ऑक्साइड बनाता है।
- बाकी विकल्पों में कोई रासायनिक अभिक्रिया नहीं होती है, केवल भौतिक परिवर्तन होते हैं।
Q. निम्नलिखित में से कौन-सी रासायनिक अभिक्रिया में अभिक्रिया ताप पर क्रियाकारकों एवं क्रियाफलों की अवस्थाओं को सही संकेत चिन्हों द्वारा प्रदर्शित किया गया है?
विकल्प:
a) 2H2(l)+O2(l)→2H2O(g)
b) 2H2(g)+O2(l)→2H2O(l)
c) 2H2(g)+O2(g)→2H2O(l)
d) 2H2(g)+O2(g)→2H2O(g)
सही उत्तर: (d) 2H2(g)+O2(g)→2H2O(g)
व्याख्या:
- हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैसीय अवस्था में होते हैं और इनकी अभिक्रिया से पानी बनता है, तीव्र ताप पर अभिक्रिया होती है। इस तापमान पर बनने वाला H2O गैसीय अवस्था में होता है।
Q. निम्नलिखित में से कौन-सी संयोजन अभिक्रियाएँ हैं?
i. 2KClO3 + ऊष्मा →2KCl+3O2
ii. MgO+H2O→Mg(OH)2
iii. 4Al+3O2→2Al2O3
iv. Zn+FeSO4→ZnSO4+Fe
विकल्प:
a) (i) और (iii)
b) (iii) और (iv)
c) (ii) और (iv)
d) (ii) और (iii)
सही उत्तर: d) (ii) और (iii)
व्याख्या:
संयोजन अभिक्रिया (Combination Reaction): वह अभिक्रिया जिसमें दो या दो से अधिक अभिकारक मिलकर एक ही उत्पाद बनाते हैं।
Q. निम्नलिखित अभिक्रियाओं में से प्रत्येक के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए तथा अभिक्रिया के प्रकार को पहचानिए।
(a) 773K पर उत्प्रेरक की उपस्थिति में नाइट्रोजन गैस, हाइड्रोजन गैस से अभिक्रिया कर अमोनिया गैस देती है।
Answer: N₂(g) + 3H₂(g) + उत्प्रेरक व 773k → 2NH₃(g)
प्रकार: संयोजन अभिक्रिया (Combination Reaction)
यह प्रतिक्रिया नाइट्रोजन और हाइड्रोजन गैसों के संयोग से अमोनिया (NH₃) का निर्माण करती है। इसे ‘Haber प्रक्रिया’ भी कहते हैं।
(b) सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन, ऐसीटिक अम्ल से अभिक्रिया कर सोडियम ऐसीटेट तथा जल बनाता है।
Answer: NaOH(aq) + CH₃COOH(aq) → CH₃COONa(aq) + H₂O(l)
प्रकार: द्विविस्थापन/तटस्थीकरण (Neutralization Reaction)
यह प्रतिक्रिया एक क्षार (NaOH) और एक अम्ल (CH₃COOH) के बीच होती है, जिससे सोडियम एसीटेट (CH₃COONa) और पानी (H₂O) बनते हैं।
(c) सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल की उपस्थिति में एथेनॉल, एथेनोइक अम्ल के साथ गरम करने पर एथिल ऐसीटेट देता है।
Answer: C₂H₅OH(l) + CH₃COOH(l) → CH₃COOC₂H₅(l) + H₂O(l)
प्रकार: द्विविस्थापन / एस्टरीकरण (Esterification Reaction)
यह प्रतिक्रिया एथेनॉल और एसीटिक अम्ल के बीच होती है, जिससे एथाइल एसीटेट (CH₃COOC₂H₅) और पानी (H₂O) बनता है। इसमें सल्फ्यूरिक एसिड (H₂SO₄) उत्प्रेरक की भूमिका निभाता है।
(d) एथीन, ऑक्सीजन की उपस्थिति में दहन पर कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल बनाती है तथा ऊष्मा एवं प्रकाश निर्गमित होते हैं।
Answer: C₂H₄(g) + 3O₂(g) → 2CO₂(g) + 2H₂O(g) + ऊष्मा + प्रकाश
प्रकार: रेडॉक्स/दहन (Combustion Reaction)
यह एक दहन प्रतिक्रिया है, जिसमें एथीन (C₂H₄) का ऑक्सीजन के साथ जलने से कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂), जल वाष्प (H₂O), ऊष्मा, और प्रकाश उत्पन्न होते हैं।
Q. निम्नलिखित अभिक्रियाओं में से प्रत्येक के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण तथा अभिक्रिया के प्रकार को पहचानिए।
(a) थर्माइट अभिक्रिया में आयरन (III) ऑक्साइड, ऐलुमिनियम से अभिक्रिया आयरन तथा ऐलुमिनियम ऑक्साइड देता है।
Answer:
समीकरण:
Fe2O3(s)+2Al(s)→2Fe(l)+Al2O3(s)
अभिक्रिया का प्रकार:
यह एक अपचयन-अभिक्रिया (Redox Reaction) है और साथ ही यह विस्थापन अभिक्रिया (Displacement Reaction) भी है।
(b) मैग्नीशियम रिबन, नाइट्रोजन गैस के वातावरण में जलाने पर ठोस मैग्नीशियम का निर्माण
Answer:
समीकरण:
3Mg(s)+N2(g)→Mg3N2(s)
अभिक्रिया का प्रकार:
यह एक संयोजन अभिक्रिया (Combination Reaction) है।
(c) जलीय पोटैशियम आयोडाइड विलयन में क्लोरीन गैस गुजारने पर पोटैशियम विलयन तथा ठोस आयोडीन बनती है।
Answer:
समीकरण:
2KI(aq)+Cl2(g)→2KCl(aq)+I2(s)
अभिक्रिया का प्रकार:
यह एक विस्थापन अभिक्रिया (Displacement Reaction) है।
(d) एथेनॉल वायु में जलकर, कार्बन डाइऑक्साइड और निकलती है।
Answer:
समीकरण:
C2H5OH(l)+3O2(g)→2CO2(g)+3H2O(g)
अभिक्रिया का प्रकार:
यह एक रेडॉक्स/दहन अभिक्रिया (Combustion Reaction) है।
Q. निम्नलिखित अभिक्रियाओं में अपयाचक को पहचानिए।
(a) 4NH3+5O2→4NO+6H2O
Answer:
अपयाचक: NH3 (अमोनिया)
- वह पदार्थ जो अपनी इलेक्ट्रॉन छोड़ता है और ऑक्सीकरण (oxidation) होता है, उसे अपयाचक कहा जाता है।
- अमोनिया (NH3) का ऑक्सीकरण हो रहा है, क्योंकि इसमें नाइट्रोजन की ऑक्सीकरण अवस्था −3 से +2 हो जाती है।
- अमोनिया ऑक्सीजन को इलेक्ट्रॉन देता है, इसलिए यह अपयाचक है।
(b) H2O+F2→HF+HOF
Answer:
अपयाचक: H2O (जल)
- फ्लोरीन (F2) अत्यधिक ऑक्सीकारक (oxidizing agent) है और जल (H2O) का ऑक्सीकरण कर रहा है।
- जल इलेक्ट्रॉन छोड़कर HOF बनाता है, इसलिए जल यहाँ अपयाचक है।
(c) Fe2O3+3CO→2Fe+3CO2
Answer:
अपयाचक: CO (कार्बन मोनोऑक्साइड)
- Fe2O3 का आयरन (Fe) ऑक्सीकरण अवस्था +3 से 0 हो जाती है, जो अपचयन है।
- CO का ऑक्सीकरण CO2 में होता है, इसलिए CO यहाँ अपयाचक है।
(d) 2H2+O2→2H2O
Answer:
अपयाचक: H2 (हाइड्रोजन)
- हाइड्रोजन का ऑक्सीकरण हो रहा है क्योंकि हाइड्रोजन की ऑक्सीकरण अवस्था 0 से +1 हो जाती है।
- हाइड्रोजन ऑक्सीजन को इलेक्ट्रॉन देता है, इसलिए यह अपयाचक है।
Q. निम्नलिखित अभिक्रियाओं में ऑक्सीकारक को पहचानिए।
(a). Pb3O4+8HCl→3PbCl2+Cl2+4H2O
Answer: Pb₃O₄ (लेड ऑक्साइड)
व्याख्या:
- Pb₃O₄ में Pb का ऑक्सीडेशन स्टेट अधिक होता है।
- यह Pb²⁺ में बदल जाता है और स्वयं ऑक्सीजन देता है, जिससे यह ऑक्सीकारक होता है।
- Pb₃O₄ क्लोरीन (Cl₂) को मुक्त करने में मदद करता है, इसलिए Pb₃O₄ ऑक्सीकारक है।
(b). Mg+O2→2MgO
Answer: O₂ (ऑक्सीजन)
व्याख्या:
- ऑक्सीजन Mg को Mg²⁺ में ऑक्सीकृत करती है।
- O₂ इलेक्ट्रॉनों को ग्रहण करता है, इसलिए यह ऑक्सीकारक है।
(c). CuSO4+Zn→Cu+ZnSO4
Answer: CuSO₄ (कॉपर सल्फेट)
व्याख्या:
- Zn, Cu²⁺ को Cu में अवकरण करता है और स्वयं Zn²⁺ बन जाता है।
- CuSO₄ इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर रहा है, इसलिए यह ऑक्सीकारक है।
(d). V2O5+5Ca→2V+5CaO
Answer: V₂O₅ (वैनाडियम पेंटऑक्साइड)
व्याख्या:
- V₂O₅, Ca को CaO में ऑक्सीकृत करता है।
- V₂O₅ इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है और V में बदल जाता है, इसलिए यह ऑक्सीकारक है।
(e). Fe+4H2O→Fe3O4+4H2
Answer: H₂O (जल)
व्याख्या:
- H₂O, Fe को Fe₃O₄ में ऑक्सीकृत करता है।
- H₂O ऑक्सीजन प्रदान करता है, जिससे यह ऑक्सीकारक होता है।
(f). CuO+H2→Cu+H2O
Answer: CuO (कॉपर ऑक्साइड)
व्याख्या:
- CuO, H₂ को H₂O में ऑक्सीकृत करता है।
- CuO स्वयं Cu में बदलता है और ऑक्सीजन प्रदान करता है, इसलिए यह ऑक्सीकारक है।
Q. जुगनू रात में क्यों चमकते हैं?
Answer: जुगनू, जिन्हें अंग्रेजी में “Firefly” कहा जाता है, रात में चमकते हैं। यह चमकने की प्रक्रिया “बायोल्यूमिनेसेंस” (Bioluminescence) कहलाती है।
रासायनिक प्रतिक्रिया: जुगनू के पेट (एब्डोमेन) में विशेष कोशिकाएं होती हैं जहां “ल्यूसीफेरिन” (Luciferin) नामक रसायन और “ल्यूसीफेरेज” (Luciferase) एंजाइम की उपस्थिति में ऑक्सीजन, एटीपी और मैग्नीशियम आयन की प्रतिक्रिया होती है।
- इस प्रक्रिया से प्रकाश उत्पन्न होता है, जिसे “कोल्ड लाइट” कहा जाता है क्योंकि इसमें गर्मी उत्पन्न नहीं होती।
प्रजनन उद्देश्यों के लिए चमक: नर जुगनू चमक का उपयोग मादा जुगनू को आकर्षित करने के लिए करते हैं। यह उनकी प्रजनन प्रक्रिया का हिस्सा है।
प्रतियोगी परीक्षा तथ्य:
- प्रकाश का रंग: जुगनू का प्रकाश आमतौर पर पीले, हरे या लाल रंग का होता है।
- उपयोग: जुगनू का चमकना मुख्य रूप से प्रजनन संकेत और शिकारियों से बचाव के लिए होता है।
- प्रकाश का उत्सर्जन: यह प्रकाश उत्सर्जन एक उत्तक प्रक्रिया है और इसे माइटोकॉन्ड्रिया और पेरोक्सीसोम नामक कोशिकीय संरचनाओं द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
- श्वसन प्रक्रिया: जुगनू की चमक को ऑक्सीजन की उपस्थिति की आवश्यकता होती है, इसलिए यह एक एरोबिक प्रतिक्रिया है।
- जुगनू का वैज्ञानिक नाम: आमतौर पर पाए जाने वाले जुगनू का वैज्ञानिक नाम “लैम्पिरिस नॉक्टिलुका” (Lampyris noctiluca) होता है।
Q. निम्नलिखित में से कौन-से भौतिक तथा कौन-से रासायनिक परिवर्तन हैं?
(a) पेट्रोल का वाष्पीकरण (एल. पी. जी.) का दहन
Answer: भौतिक परिवर्तन
(b) द्रवीकृत पेट्रोलियम गैस
Answer: रासायनिक परिवर्तन
(c) आयरन की छड़ को रक्त तप्त अवस्था तक गरम करना
Answer: भौतिक परिवर्तन
(d) दूध का दही बनना
Answer: रासायनिक परिवर्तन
(e) ठोस अमोनियम क्लोराइड का ऊर्ध्वपातन
Answer: भौतिक परिवर्तन
Q. X समूह 2 के एक तत्त्व का ऑक्साइड है, जो सीमेंट उद्योग में बहुत अधिक उपयोग में आता है। यह तत्त्व हड्डियों में भी उपस्थित रहता है। जल से अभिकृत कराने पर यह ऑक्साइड एक विलयन बनाता है जो लाल लिटमस को नीला कर देता है। X को पहचानिए तथा संबंधित रासायनिक अभिक्रियाओं को भी लिखिए।
Answer: X = कैल्शियम ऑक्साइड (CaO), जो सीमेंट उद्योग में प्रयोग होता है और हड्डियों में भी उपस्थित रहता है।
रासायनिक अभिक्रियाएँ:
- कैल्शियम ऑक्साइड और जल: CaO+H2O→Ca(OH)2 (कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड)
- लाल लिटमस परीक्षण: Ca(OH)2 विलयन क्षारीय होता है, इसलिए यह लाल लिटमस को नीला कर देता है।
Q. सिल्वर क्लोराइड को गहरे रंग की बोतलों में भंडारित क्यों किया जाता है?
Answer: सिल्वर क्लोराइड (AgCl) को गहरे रंग की बोतलों में भंडारित करने के कारण:
- प्रकाशीय अपघटन प्रतिक्रिया:
- सिल्वर क्लोराइड एक प्रकाश-संवेदनशील यौगिक है।
- यह सूर्य के प्रकाश में आने पर अपघटित होकर सिल्वर (Ag) और क्लोरीन गैस (Cl₂) में बदल जाता है।
- प्रतिक्रिया: 2AgCl→ 2Ag+Cl2↑
- इस कारण इसे प्रकाश से बचाने के लिए गहरे रंग की बोतलों में रखा जाता है।
- रंग परिवर्तन:
- सिल्वर क्लोराइड सफेद रंग का होता है, लेकिन प्रकाश के संपर्क में आने पर यह काला हो जाता है, क्योंकि इसमें सिल्वर धातु बनती है।
- यह रंग परिवर्तन इसके अपघटन का संकेत है।
- गहरे रंग की बोतलों का महत्व:
- गहरे रंग की बोतलें (भूरी या काली) प्रकाश के प्रवेश को रोकती हैं और सिल्वर क्लोराइड को प्रकाश से बचाती हैं।
- इससे इसका अपघटन नहीं होता और यौगिक की स्थिरता बनी रहती है।
Q. जिंक तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया पर हाइड्रोजन गैस मुक्त करता है जबकि कॉपर नहीं। समझाइए क्यों?
Answer:
- जिंक (Zn) और कॉपर (Cu) दोनों ही धातु हैं, लेकिन इनकी रासायनिक गुणधर्म अलग-अलग होते हैं।
- जिंक हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) के साथ अभिक्रिया करता है और हाइड्रोजन गैस (H₂) उत्पन्न करता है, जबकि कॉपर ऐसा नहीं करता।
कारण:
- रेडॉक्स अभिक्रिया:
- जिंक एक सक्रिय धातु है और यह हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ एक रेडॉक्स अभिक्रिया करता है।
- जिंक (Zn) अपने इलेक्ट्रॉन छोड़ता है और Zn²⁺ आयन में बदलता है, जबकि हाइड्रोजन आयन (H⁺) प्राप्त इलेक्ट्रॉन लेकर हाइड्रोजन गैस (H₂) में बदल जाते हैं।
- अभिक्रिया:
Zn (s)+2HCl (aq)→ZnCl2(aq)+H2(g)
- इस प्रक्रिया में हाइड्रोजन गैस उत्पन्न होती है।
- कॉपर की प्रतिक्रिया:
- कॉपर एक अपेक्षाकृत कम सक्रिय धातु है, इसलिए यह हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया नहीं करता।
- कॉपर के पास पर्याप्त ऊर्जा नहीं होती है ताकि वह हाइड्रोजन आयनों को इलेक्ट्रॉन दे सके और हाइड्रोजन गैस उत्पन्न कर सके।
- इसका रेडॉक्स गुणधर्म बहुत कम सक्रिय होता है।
Q. कुछ दिनों तक खुला रखने पर चाँदी (सिल्वर) की वास्तु काली हो जाती है। जब वस्तु को टूथपेस्ट के साथ रगड़ा जाता है तो वह पुनः चमकने लगती है।
a. कुछ दिनों तक खुला रखने पर चाँदी (सिल्वर) की वस्तु काली क्यों हो जाती है?
Answer:
- चाँदी (Ag) जब हवा में मौजूद सल्फर युक्त पदार्थों के संपर्क में आती है, तो चाँदी का एक रासायनिक परिवर्तन होता है। यह सल्फर (S) चाँदी के साथ मिलकर चाँदी सल्फाइड (Ag₂S) का निर्माण करता है।
- सल्फाइड परत की वजह से चाँदी की वस्तु काली दिखाई देती है। यह प्रक्रिया चाँदी के तत्वों के बाहरी सतह पर होता है और इसका मुख्य कारण वातावरण में मौजूद सल्फर है।
b. निर्मित काले पदार्थ का नाम दीजिए तथा इसका रासायनिक सूत्र दीजिए।
Answer:
- काले रंग का पदार्थ चाँदी सल्फाइड (Silver Sulfide) होता है।
- इसका रासायनिक सूत्र Ag₂S है।
Q. क्या होता है जब एक टुकड़ा
- जिंक धातु का कॉपर सल्फेट विलयन में डाला जाता है।
यदि अभिक्रिया संपन्न होती तो संतुलित रासायनिक समीकरण भी लिखिए।
Answer: घटना: यह एक स्थानांतरण अभिक्रिया है जिसमें जिंक (Zn) कॉपर सल्फेट (CuSO₄) के विलयन से कॉपर (Cu) को प्रतिस्थापित करता है।
रासायनिक समीकरण:
Zn(s)+CuSO₄(aq)→Cu(s)+ZnSO₄(aq)
- ऐलुमिनियम धातु का तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल डाला में जाता है।
Answer: घटना: ऐलुमिनियम (Al) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) में घुलकर हाइड्रोजन गैस (H₂) उत्पन्न करता है और ऐलुमिनियम क्लोराइड (AlCl₃) बनाता है।
रासायनिक समीकरण: 2Al(s)+6HCl(aq)→2AlCl₃(aq)+3H₂(g)
- सिल्वर धातु का कॉपर सल्फेट विलयन में डाला जाता है।
Answer: घटना: सिल्वर (Ag) धातु, जो विद्युत रासायनिक श्रृंखला में कॉपर (Cu) से नीचे स्थित है, कॉपर सल्फेट (CuSO₄) के विलयन में कोई प्रतिक्रिया नहीं करता।
रासायनिक समीकरण:
Ag(s)+CuSO₄(aq)→No Reaction
Q. क्या होता है जब दानेदार जिंक को (a) H2SO4, (b) HCl, (c) HNO3, (d) NaCl तथा (e) NaOH के तनु विलयनों के साथ अभिकृत किया जाता है। यदि अभिक्रिया संपन्न होती हो तो रासायनिक समीकरण भी लिखिए।
Answer:
(a) H₂SO₄ (सल्फ्यूरिक अम्ल) के साथ अभिक्रिया:
जब दानेदार जिंक को सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ अभिकृत किया जाता है, तो यह हाइड्रोजन गैस और जिंक सल्फेट (ZnSO₄) का निर्माण करता है।
रासायनिक समीकरण:
Zn(s)+H2SO4(aq)→ZnSO4(aq)+H2(g)
(b) HCl (हाइड्रोक्लोरिक अम्ल) के साथ अभिक्रिया:
जिंक का हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया से हाइड्रोजन गैस और जिंक क्लोराइड (ZnCl₂) बनता है।
रासायनिक समीकरण:
Zn(s)+2HCl(aq)→ZnCl2(aq)+H2(g)
(c) HNO₃ (नाइट्रिक अम्ल) के साथ अभिक्रिया:
जिंक जब नाइट्रिक अम्ल के साथ अभिकृत होता है, तो यह जिंक नाइट्रेट (Zn(NO₃)₂) और हाइड्रोजन गैस का निर्माण करता है। यदि नाइट्रिक अम्ल सांद्र होता है, तो यह नाइट्रोजन ऑक्साइड गैसों का भी निर्माण कर सकता है।
रासायनिक समीकरण:
Zn(s)+2HNO3(aq)→Zn(NO3)2(aq)+H2(g)
(d) NaCl (सोडियम क्लोराइड) के साथ अभिक्रिया:
सोडियम क्लोराइड के साथ जिंक की कोई महत्वपूर्ण रासायनिक अभिक्रिया नहीं होती है, क्योंकि यह एक निष्क्रिय प्रतिक्रिया है। जिंक और सोडियम क्लोराइड में रासायनिक प्रतिक्रिया नहीं होती।
(e) NaOH (सोडियम हाइड्रॉक्साइड) के साथ अभिक्रिया:
जिंक सोडियम हाइड्रॉक्साइड के साथ अभिक्रिया कर जिंक हाइड्राइड (Na₂ZnO₂) और हाइड्रोजन गैस का उत्पादन करता है। यह अभिक्रिया विशेष रूप से उष्मायुक्त होती है।
रासायनिक समीकरण:
Zn(s)+2NaOH(aq)+2H2O(l)→Na2ZnO2(aq)+H2(g)
Q. सोडियम सल्फाइट के जलीय विलयन में एक बूंद बेरियम क्लोराइड को मिलाने पर श्वेत अवक्षेप प्राप्त होता है
- संबंधित अभिक्रिया की संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।
Answer: जब सोडियम सल्फाइट (Na₂SO₃) और बेरियम क्लोराइड (BaCl₂) के जलीय विलयन को मिलाया जाता है, तो श्वेत अवक्षेप बेरियम सल्फाइट (BaSO₃) बनता है। अभिक्रिया का संतुलित रासायनिक समीकरण निम्नलिखित है:
Na2SO3(aq)+BaCl2(aq)→BaSO3(s)+2 NaCl(aq)
यह अभिक्रिया एक विस्थापन अभिक्रिया है, जिसमें बेरियम आयन (Ba²⁺) सोडियम आयन (Na⁺) को विस्थापित करता है और श्वेत अवक्षेप बेरियम सल्फाइट (BaSO₃) उत्पन्न होता है।
- इस अवक्षेपण अभिक्रिया को अन्य कौन-सा नाम दिया जा सकता है?
Answer: इस प्रकार की अभिक्रिया को द्विविस्थापन अभिक्रिया (Double displacement reaction) या विस्थापन अभिक्रिया (Precipitation reaction) कहा जाता है।
इसमें दो यौगिकों के आयन आपस में बदलते हैं और एक अवक्षेप (solid) उत्पन्न होता है।
इसे अवक्षेपण अभिक्रिया इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें एक ठोस अवक्षेप (BaSO₃) उत्पन्न होता है।
- अभिक्रिया मिश्रण में तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मिलाने पर श्वेत अवक्षेप विलुप्त हो जाता है। क्यों?
Answer: जब तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) को इस मिश्रण में मिलाया जाता है, तो अवक्षेप बेरियम सल्फाइट (BaSO₃) विलुप्त हो जाता है। इसका कारण यह है कि हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में मौजूद क्लोराइड आयन (Cl⁻) बेरियम आयन (Ba²⁺) से प्रतिस्पर्धा करते हैं, जिससे बेरियम सल्फाइट का अवक्षेप बेरियम क्लोराइड (BaCl₂) में परिवर्तित हो सकता है। यह प्रक्रिया इस प्रकार होती है:
- बेरियम क्लोराइड (BaCl₂) की उच्च विलयनता के कारण, यह अवक्षेप हल्का हो जाता है और विलुप्त हो जाता है।